Thursday, June 24, 2010

Dowry harassment case after 31 years of marriage

Another classic example of how anti-dowry laws like IPC 498A are being misused with full police and legal support.
Woman claims to being tortured for dowry for past 31 years, and claims she had to take legal recourse because as the torture became unbearable.


What a strong woman indeed to bear tortures for 31 years - Govt should really contemplate awarding her some medals like "Shaurya Chakra", "Paramveer Chakra" !!


The idiotic husband and his family - what a slow pace of torture that it took 31 years for them to take the torture to the unbearable level !!


By the way, "brokers in uniform" i.e. the police did try preliminary rounds of extortion failing which they moved to FIR to extort legally.

http://www.bhaskar.com/article/CHH-RAI-after-31-years-of-marriage-dowry-to-her-husband-torture-1016998.html

शादी के 31 साल बाद पति पर दहेज प्रताड़ना
Source: Bhaskar News | Last Updated 06:03(31/05/10)
रायपुर.
 विवाह के 31 बरस गुजरने के बाद महिला ने अपने पति पर दहेज प्रताड़ना की रिपोर्ट दर्ज करायी है। काउंसिलिंग में बातचीत के जरिये विवाद को सुलझाने की कोशिश विफल होने के बाद पुलिस ने दहेज प्रताड़ना का केस दर्ज कर लिया है। 

पचास वर्षीय पीड़ित महिला कविता ने अपने पति लखानीचंद के साथ-साथ परिवार के अन्य चार सदस्यों को भी इस केस में शामिल किया है। उसने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करायी है कि मायके से पैसा लाने के लिए उसे बरसों से प्रताड़ित किया जा रहा था। शादी के बाद से वह उनकी प्रताड़ना सह रही थी। जब उस पर जुल्म बढ़ गया तब उसने पुलिस की मदद ली। पुलिस ने रविवार को अपराध पंजीबद्ध किया। आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई है। 

पुलिस ने बताया कि लखानीचंद एसबीआई कालोनी फाफाडीह के रहने वाले हैं। उनका विवाह 29 नवंबर 1979 को हुआ था। विवाह के इतने बरस बाद दहेज प्रताड़ना का केस दर्ज होने से यह केस पुलिस महकमें में ही चर्चा का विषय बना हुआ है। सीएसपी मनीषा ठाकुर ने बताया कि प्रताड़ना का केस दर्ज कराने के लिए किसी तरह की समय सीमा का बंधन नहीं है। काउंसिलिंग के माध्यम से पीड़ित महिला का पक्ष सुना गया। उसकी शिकायतों का परीक्षण करने के बाद ही मामला पंजीबद्ध किया गया है। क्रिमिनल लायर फैसल रिजवी का कहना है कि दहेज का केस किसी भी आयु में दर्ज हो सकता है।

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